---- पूरी दुनिया में है इतने धर्मों के लोग, जानिए सबसे पहले बना कौन सा धर्म?
विश्व के सबसे पुराने धर्मों में से सबसे पहला धर्म हिंदू धर्म है। यह धर्म लगभग 4000 से 5000 साल पहले भारतीय subcontinent में उत्पन्न हुआ था। हिंदू धर्म दुनिया के तीसरे सबसे बड़े धर्म होने के साथ-साथ सबसे पुराना धर्म होने का गौरव भी रखता है।
हिंदू धर्म दुनिया भर में व्यापक रूप से फैला हुआ है और इसमें करोड़ों लोग शामिल हैं। हिंदू धर्म अनेक भाषाओं, कला-संस्कृति और रीति-रिवाजों के अनुसार भिन्न-भिन्न रूपों में मनाया जाता है। इसके अलावा, हिंदू धर्म को वैदिक धर्म भी कहा जाता है, क्योंकि इसकी आधारभूत सिद्धांतों की जड़ वैदिक संहिताओं में होती है!
सनातन धर्म से पहले कौन धर्म था?
सनातन धर्म, जिसे अन्य नामों से हिंदू धर्म भी कहा जाता है, दुनिया का सबसे पुराना धर्म होने का गौरव रखता है। लेकिन सनातन धर्म से पहले भी कुछ धर्म थे।
विश्व का सबसे पुराना धर्म संस्कृति शास्त्रों के अनुसार आर्य संस्कृति थी। आर्य संस्कृति, जो कि 4500 से 5000 साल पुरानी है, उस समय की थी। इस संस्कृति में भारत के वर्तमान उत्तर पश्चिमी भाग व अफगानिस्तान के कुछ हिस्सों में रहने वाले लोग शामिल थे।
आर्य संस्कृति का मूल धर्म वैदिक धर्म था जो वैदिक साहित्य में वर्णित है। वैदिक साहित्य में अनेक देवी-देवताओं के वंशज और उनकी कहानियों का वर्णन है जो उस समय की संस्कृति और धर्म की प्रतिनिधित्व करते थे।
इस प्रकार, सनातन धर्म से पहले आर्य संस्कृति और वैदिक धर्म थे।
सनातन धर्म में किसकी पूजा की जाती है?
सनातन धर्म उन्हीं देवताओं और देवीयों की पूजा का धर्म है, जो उस समय के व्यक्तिगत, सामाजिक और आध्यात्मिक जीवन की प्रतिनिधित्व करते थे। सनातन धर्म में हजारों देवताओं और देवीयों की पूजा की जाती है, जो विभिन्न विशेषताओं और शक्तियों के धारक होते हैं।
सनातन धर्म में ब्रह्मा, विष्णु, शिव, दुर्गा, काली, सरस्वती, लक्ष्मी, हनुमान, गणेश, सूर्य, चंद्रमा, वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी, और अन्य कई देवताओं और देवीयों की पूजा की जाती है।
इनके अलावा, सनातन धर्म में प्राणायाम, मंत्र जप, ध्यान, योग, पूजा विधियों, संस्कारों और व्रतों को भी महत्व दिया जाता है। इन सभी कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य देवताओं और देवीयों को समर्पित करना और उनसे आशीर्वाद और सुख प्राप्त करना होता है।
सनातन धर्म किसने लिखा था?
सनातन धर्म एक विस्तृत धर्म है जिसमें कई शास्त्रों और ग्रंथों का संग्रह होता है। इन शास्त्रों और ग्रंथों को बहुत समय से मुंशी लोग ने संग्रह किया है और इनका उपयोग धर्म और सभ्यता के संदर्भ में किया जाता है।
सनातन धर्म का स्रोत वेदों में होता है, जो एक समय पहले भारतीय उपमहाद्वीप के भूमिकंप और समाज के परिवर्तन के दौरान लिखे गए थे। वेद एक संग्रह हैं जिनमें विभिन्न विषयों पर ज्ञान, उपदेश और मन्त्रों का संग्रह होता है।
सनातन धर्म के अलावा भगवद गीता, रामायण, महाभारत, पुराण और उपनिषद जैसी अन्य महत्वपूर्ण धर्मग्रंथ भी हैं जिनमें सनातन धर्म के तत्वों, सिद्धांतों और मूल्यों का विस्तृत वर्णन किया गया है।
इसलिए, सनातन धर्म को एक व्यक्ति ने नहीं लिखा है, बल्कि यह एक ऐसा संग्रह है जिसमें कई शास्त्रों और ग्रंथों का संग्रह होता है