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कलर साइकोलॉजी से हल्का होता है मन, एक्सपर्ट से जानें क्या है कलर साइकोलॉजी?
चारों ओर तरह-तरह के रंग हमारे मूड को प्रभावित करते हैं। कुछ रंगों को देखकर हमें अच्छा लगता है, तो कुछ रंगों से हम उदास हो जाते हैं। जानिए क्या है यह कलर साइकोलॉजी?
कैसा होता है न, जब आप चमकते रंगों को देखती हैं, तो मन खुश हो जाता है। कुछ रंगों को देखकर आपका मन शांत होता है, तो कुछ रंग आपके डल मूड को दिखाते हैं। रंगों बिना जिंदगी कितना अखरती है न? बहुत बड़े आर्टिस्ट पाबलो पिकासो ने कहा था, ‘ रंग, फीचर्स की तरह ही हमारे इमोशन्स के बदलने को फॉलो करते हैं। अलग रंग, अलग तरह की भावनाओं को दर्शाते हैं और वो आपके मूड, भावनाओं और इमोशन्स को प्रभावित करते हैं।’ एक्सपर्ट इसी को कलर साइकोलॉजी कहते हैं। आइए जानें कि साइकोलॉजिस्ट डॉ. भावना बर्मी क्या कहती हैं।
कल्पना कीजिए कि आप एक ब्राइट रेड रूम में हैं, तो आपकी बॉडी अलग तरह से उस रंग के प्रति रिस्पॉन्ड करेगी। अब सोचिए कि आप एक लाइट-स्काई ब्लू रंग के कमरे में हैं, तो यह आपकी बॉडी और दिमाग को अलग तरीके से प्रभावित करेगा। ऐसा करने से आपको यह महसूस होगा कि रंग आपके जीवन में कितना प्रभाव डालते हैं और सायद इसलिए हम ब्लैक और व्हाइट चश्मों से दुनिया नहीं देखते। हम यह देख सकते हैं कि हमारे दैनिक जीवन में कलर साइकोलॉजी को इमोटिकन्स के जरिए कितना उपयोग करते हैं। स्माइली इमोजी येलो होता है, एंग्री फेस लाल होता है, जब हम डिस्गस्ट फील करते हैं तो ग्रीन इमोजी का उपयोग करते हैं। यह बताता है कि हम रंगों को अपनी भावनाओं से जोड़कर देखते हैं। कौनसा रंग कौन सी भावना दर्शाता है, यह हमारी धारणा और कल्चरल बैकग्राउंड पर निर्भर करता है। हालांकि हम यह कह सकते हैं कि लाइट शेड्य प्यार और कम्फर्ट की भावना को उजागर करते हैं। डार्कर शेड्स गुस्से और चिंता को दर्शाते हैं। कूलर टोन्स के कलर्स आपके मन को हल्का करते हैं और डार्कर टोन्स अवसाद और उदासीनता दिखाते हैं। रंगों का कूलर टोन्स ब्लड प्रेशर कम करता है। वहीं लाल और ऑरेंज, खासकर ऑरेंज रंग मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है।
थेरेपी में भी रंगों का उपयोग
therapy color psychology
डॉ. बर्मी के मुताबिक, थेरेपी में भी रंगों का उपयोग होता है। जैसे किसी का मन अशांत हो, तो लाल रंग का उपयोग किया जाता है। यह रंग मन और शरीर को प्रोत्साहित करता है और सर्कुलेशन भी बढ़ाने में मदद करता है। ऑरेंज का उपयोग तब किया जाता है, जब किसी में ऊर्जा की कमी होती है। यह रंग ऊर्जा के स्तर को बढ़ाता है। वहीं माना जाता है कि ब्लू रंग, आपकी नसों को शांत करता है और दर्द में भी राहत देता है। इसी तरह कई रंगों के कई उपयोग हैं, जो आपके मेंटल हेल्थ के लिए बड़े महत्वपूर्ण हैं।
नीला रंग - यह रंग अधिकांश लोगों के लिए सौम्यता, लॉयल्टी और शांति का प्रतिनिधित्व करता है। यह स्ट्रेस मैनेजमेंट में भी काफी प्रभावी है। एक रंग भी है जो तनाव प्रबंधन में प्रभावी है। यह रक्तचाप के स्तर को कम करता है, चिंता को कम करता है, आपके हृदय गति को धीमा करता है, और आप खुशी महसूस करते हैं। विश्वास और लॉयल्टी दिखाने के लिए कई मीटिंग्स में लोग नीले रंग का सूट पहनकर जाना पसंद करते हैं। यह रंग सकारात्मक इमोशन्स दर्शाता है।
हरा रंग- यह रंग काफी हद तक प्रकृति से जुड़ा हुआ है। यह गुणवत्ता, हीलिंग और ताजगी का प्रतीक है। आपकी चिंता को कम करने में मदद करता है। कुछ लोगों को लगता है कि यह उनके अंदर दया की भावना पैदा करता है, जबकि अन्य लोग उर्जावान और आशावादी महसूस करते हैं। ग्रीन कलर के गहरे शेड्स से अच्छा है आप बेज ग्रीन या फिर पेल येलो ग्रीन को चुनें, जो आपका तनाव कम करने में सहायक है।
गुलाबी रंग- यह रंग करुणा और ईमानदारी का प्रतीक है। साथ ही यह मन में खुशी का एहसास करवाता है। गुलाबी रंग चिंता को कम करता है और सकारात्मक ऊर्जा से भरता है। कुछ लोग इस रंग से ताजगी और सकारात्मक महसूस करते हैं। आप भी यह रंग चुन सकती हैं, मगर इसका भी लाइट शेड या बेबी पिंक शेड चुनना ज्यादा बेहतर है।
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मार्केटिंग में कलर साइकोलॉजी क्या है?
रंग मनोविज्ञान इस बात का अध्ययन है कि रंग धारणाओं और व्यवहारों को कैसे प्रभावित करते हैं। विपणन और ब्रांडिंग में, रंग मनोविज्ञान इस बात पर केंद्रित है कि कैसे रंग किसी ब्रांड के उपभोक्ताओं के छापों को प्रभावित करते हैं और वे उपभोक्ताओं को विशिष्ट ब्रांडों पर विचार करने या खरीदारी करने के लिए राजी करते हैं या नहीं
मार्केटिंग में सबसे ज्यादा किस रंग का उपयोग किया जाता है?
लाल शक्ति का रंग है। यह लोगों का ध्यान आकर्षित करता है और इसे धारण करता है। यह मार्केटिंग के लिए सबसे लोकप्रिय रंग है। लाल रंग हृदय गति को बढ़ाता है और अत्यावश्यकता की भावना पैदा करता है।
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